युगों-युगों तक याद रहेगा ज़ज्बा वो कुर्बानी का ,
अंडमान की जेल में भुगता हर पल काला पानी का |
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् ,
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् |
गोरे फिरंगी अत्याचार की हदें पार कर जाते थे ,
उधड़े बदन पर कभी लाठियाँ कभी हंटर बरसते थे |
गर्म लाल लोहे की सलाखें जिस्मों पर वो चुभाते थे ,
पानी की एक-एक बूँद भी पीने को तरसाते थे |
कदम-कदम पर यातना सहते क्रांतिवीर बलिदानी का ,
अंडमान की जेल में भुगता हर पल काला पानी का |
युगों-युगों तक याद रहेगा ज़ज्बा वो कुर्बानी का ,
अंडमान की जेल में भुगता हर पल काला पानी का |
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् ,
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् |
आज़ादी पाने की ख़ातिर जो आवाज़ उठाते हैं ,
वीर बहादुर क्रांतिकारी वो दुश्मन से भिड़ जाते हैं |
भूख हड़ताल कर महावीर सिंह सीधे ही लड़ जाते है ,
भारत माँ के लाल वो सच्चे अमर शहीद कहलाते है |
आज़ादी के दीवानों की दर्द से भरी कहानी का ,
अंडमान की जेल में भुगता हर पल काला पानी का |
युगों-युगों तक याद रहेगा ज़ज्बा वो कुर्बानी का ,
अंडमान की जेल में भुगता हर पल काला पानी का |
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् ,
वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम् |
युगों-युगों तक भारतमाता, तेरी जय-जयकार हो
राम करे तेरे घर आँगन में, खुशियों की बौछार हो |
सत्य अहिंसा और प्रेम का, पाठ हमें तू सिखलाती है
सदा एकता और शांति का, मार्ग हमें तू बतलाती है |
तेरी गोद में पलने वाला, हर सपूत होशियार हो
राम करे तेरे घर आँगन में खुशियों की बौछार हो |
युगों-युगों तक भारतमाता, तेरी जय-जयकार हो
राम करे तेरे घर आँगन में, खुशियों की बौछार हो |
कभी गुलामी की जंजीरें, तुझे जकड़ने आई थी
गौरे अंग्रेजों की फौजें, तुम्हे पकड़ने आई थी |
तुझ पर आँख उठाने वाला, अब न कोई गद्दार हो
राम करे तेरे घर आँगन में खुशियों की बौछार हो |
युगों-युगों तक भारतमाता, तेरी जय-जयकार हो
राम करे तेरे घर आँगन में, खुशियों की बौछार हो |
वीर शहीदों की कुर्बानी , से आज़ादी पाई है
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, सब ही भाई-भाई है |
बापू के सपनों का भारत, हरा भरा साकार हो
राम करे तेरे घर आँगन में खुशियों की बौछार हो |
युगों-युगों तक भारतमाता, तेरी जय-जयकार हो
राम करे तेरे घर आँगन में, खुशियों की बौछार हो |
याद हमेशा रहेगी हमको, अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की, ये बेटी हिन्दुस्तान की |
सत्यवान की सती सावित्री, आज भी हमको याद है
जिसके तेज शील के आगे, नतमस्तक यमराज है |
तेज प्रभाव सतीत्व गुण वाली, माताजी अनुसुइया है
पति आज्ञा पर अग्नि परीक्षा, देती सीता मैया है |
अमर रहेगी गाथा इनके, त्याग प्रेम बलिदान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की |
याद हमेशा रहेगी हमको ,अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की ||
वात्सल्य प्रेम से भरी यशोदा, कृष्णा भक्ति से मीराबाई
मंदिर घाट कुएं बनवाकर, धन्य हुई है अहिल्या बाई|
झाँसी वाली रानी लक्ष्मी, डटी रही मैदान में
छुड़ा दिए दुश्मन के छक्के, वीरांगना महान ने |
पन्ना धाय की गजब कथा है, चन्दन के बलिदान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की |
याद हमेशा रहेगी हमको, अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की ||
सरोजिनी नायडू कमला नेहरु, और कस्तूरबा गाँधी ने
भाग लिया था आजादी के, संग्रामो की आंधी में |
दुर्गाबाई देशमुख और, चौहान सुभद्रा कुमारी थी
भारत छोडो आन्दोलन में, कनकलता मतवारी थी |
वीर बाला ने देश के लिए, आहुति दे दी प्राण की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की|
याद हमेशा रहेगी हमको, अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की ||
प्रधान मंत्री बन इंदिरा जी ने, देश की शान बढ़ाई है
सुर सम्राज्ञी लता ताई ने, राग सुरीली गाई है\
सुषमा स्मृति निर्मला सुमित्रा, संसद भवन में छाई है
सिनेतारिका हेमा जया भी, राजनीति में आई है |
चर्चा सड़क से संसद तक है, इनके योगदान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की |
याद हमेशा रहेगी हमको, अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की ये बेटी हिन्दुस्तान की ||
एवेरेस्ट पर चढ़ने वाली, बेटी बछेंद्री पाल है
अन्तरिक्ष में जाके कल्पना, ने भी किया कमाल है |
छः छः जीतकर आई, मेरी कॉम है मुक्केबाज़
लड़ाकू विमान उड़ाने वाली, अवनि चतुर्वेदी जाबाज़ |
इस धरती से नील गगन तक, ऊँची सफल उड़ान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की, ये बेटी हिन्दुस्तान की |
याद हमेशा रहेगी हमको, अपने देश महान की
ये बेटी हिन्दुस्तान की, ये बेटी हिन्दुस्तान की ||

भाग कोरोना भाग , तू इंसानों का हत्यारा है
भाग कोरोना भाग …
भाग कोरोना भाग , तू इंसानों का हत्यारा है
तू समझ ले अब तू हारा है |
जाग रहे हर प्रान्त …
जाग रहे हर प्रान्त, पूरे देश में उजियारा है
तू समझ ले अब तू हारा है
भाग कोरोना भाग…
हम है भारतवासी, डरते नहीं तुझको
भगाकर हम रहेंगे…
कर्मवीर योद्धा मैदान में डटकर
मुकाबला सब करेंगे…
एकजुट हैं हम…
एकजुट है हम जानता हमको विश्व ये सारा है
तू समझ ले अब तू हारा है
भाग कोरोना भाग , तू इंसानों का हत्यारा है
भाग कोरोना भाग …
लॉकडाउन में नियमो का पालन कर , जीतेंगे हम सभी…
बिन कारणों के घर से, बिन मास्क पहने ना निकलेंगे हम कभी |
आज का बंधन…
आज का बंधन ही कल की जीत का इशारा है
तू समझ ले अब तू हारा है
भाग कोरोना भाग , तू इंसानों का हत्यारा है
तू समझ ले अब तू हारा है |
भाग कोरोना भाग… ||
जागो-जागो ग्रामवासी , जागो-जागो नौजवान
जागो भारत माँ के लाल, जागो-जागो रे किसान |
पृथ्वी बनी रहे उपजाऊ , सब मिल ऐसा कुछ कर डालो
अपनाकर तुम जैविक खेती, धरती को खुशहाल बना लो |
भूल रसायन सब जहरीले, बढ़िया जैविक खाद डालो
लोभ लालच में न पड़कर, सबका जीवन स्वस्थ बना लो |
मेरा कहना तुम लो मान, उत्तम खेती को पहचान
जागो भारत माँके लाल, जागो धरती पुत्र किसान |
जागो-जागो ग्रामवासी , जागो-जागो नौजवान
जागो भारत माँ के लाल, जागो-जागो रे किसान |
धरती माँ का एक ही कहना, उर्वरता है मेरा गहना
जेसा बोओ वैसा काटो, उलटी गंगा में न बहना |
कीटनाशक से लड़ी हूँ , मई कुदरत के साथ खड़ी हूँ
आँधी-तूफाँ और बारिश के, बीच में ही पली बढ़ी हूँ |
बनकर तुम सच्चे इन्सान, पालो नियति से ज्ञान
जागो भारत माँ के लाल, लेलो कृषिकर्म सम्मान |
जागो-जागो ग्रामवासी , जागो-जागो नौजवान
जागो भारत माँ के लाल, जागो-जागो रे किसान |
निस्वार्थ भाव से इला, सबको मेहनत का फल देती
कर लो भैया उम्दा खेती, तभी होगी प्रगति |
जैव विविधता का अध्ययन, कर लो तन-मन से
आज यही है गुहार , मेरी जन-जन से |
होगा देश का उत्थान, बनें समृद्ध किसान
जागो भारत माँ के लाल , कृषि कर्म है महान |
जागो-जागो ग्रामवासी , जागो-जागो नौजवान
जागो भारत माँ के लाल, जागो-जागो रे किसान |
एक मै ही नहीं, मेरे जैसे अनेक हैं
जो देखते रहते है सपना
अपने परिवार गाँव और देश के उत्थान का !
नींद भर प्रफुल्लित होते रहते है
स्वप्न में हम खुशहाल नज़र आते है
हमारे गाँव विकास की सज्जा से सँवर जाते हैं
देश की तो बात ही क्या…
चारों ओर समृद्धि दिखाई देती है |
हर हाथ काम करते हैं
भुखमरी का नमो निशान तक नहीं होता है
प्रत्येक परिवार स्वयं के घर की छत के नीचे
चैन की नींद सोता है
किसी को भी किसी बात का भय नहीं
सभी भय मुक्त हैं |
चोरी डकैती लूट पाट की कोई गुंजाईश नहीं दिखती
अनाचार, अत्याचार, बलात्कार की नुमाइश नहीं दिखती
जात-पात और भेद -भाव की बात
लेश मात्र भी नहीं होती
हम सभी सजातीय नज़र आते हैं
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई नहीं
बल्कि भारतीय नज़र आते हैं
स्वप्न रात भर चलता रहता है
दिल खुशी से मचलता रहता है
परन्तु हाय दुर्भाग्य … !
सुबह जब अख़बार घर पर आता है
सुन्दर सपना टूटकर बिखर जाता है ||